Last updated on : 09 Apr, 2025
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दाद (Ringworm) एक आम फंगल संक्रमण है, जो त्वचा पर लाल, खुजलीदार और चकत्तेदार दाग बना देता है। यह संक्रमण अक्सर नमी, पसीना और गंदगी वाली जगहों पर तेजी से फैलता है। इसे ठीक करने के लिए एंटी-फंगल क्रीम, दवाएं और कुछ प्रभावी घरेलू उपाय मददगार साबित होते हैं। नीम, लहसुन और एलोवेरा जैसे प्राकृतिक तत्व इससे राहत दिला सकते हैं। अच्छी साफ-सफाई और सही देखभाल से दाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस लेख में जानिए दाद, खाज, खुजली के लक्षण, कारण और बेहतरीन घरेलू इलाज।
दाद एक सामान्य त्वचा संक्रमण है, जो फंगल इंफेक्शन (फफूंद संक्रमण) के कारण होता है। इसे मेडिकल भाषा में रिंगवर्म (Ringworm) कहा जाता है। यह लाल, गोल और खुजली वाले चकत्तों के रूप में त्वचा पर दिखता है। यह अधिकतर गीली या पसीने वाली त्वचा जैसे – हाथ, पैर, कमर या गर्दन पर होता है। यह संक्रमण मुख्यतः गंदगी, नमी, संक्रमित वस्त्रों का उपयोग करने जैसे प्रमुख कारणों से फैलता है, जिसके उपचार के लिए एंटीफंगल क्रीम, साफ-सफाई और सूखी त्वचा बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
दाद के बारे में जानने के बाद आपको इनके प्रकार के बारे में जान लेना चाहिए। दाद खाज खुजली के प्रकार की जानकारी यहाँ पढ़ें –
टीनिया क्रूरीस एक फंगल संक्रमण है, जो ज्यादातर जांघों, कमर और गुप्तांगों के आसपास होता है। यह खुजली, लाल चकत्ते और जलन पैदा करता है। गर्मी, नमी और पसीना इसकी वृद्धि को बढ़ाते हैं। साफ-सफाई, सूखे कपड़े और एंटी-फंगल क्रीम से इसे रोका जा सकता है।
टीनिया कैपीटीस एक फंगल संक्रमण है, जो सिर की त्वचा और बालों की जड़ों को प्रभावित करता है। यह खुजली, बाल झड़ने और पपड़ीदार त्वचा का कारण बन सकता है। साफ-सफाई रखना, एंटीफंगल शैंपू और दवाइयों से इसका इलाज संभव है।
टीनिया पैडिस, जिसे एथलीट्स फुट भी कहा जाता है, एक फंगल संक्रमण है जो पैरों में खुजली, जलन और त्वचा के छिलने का कारण बनता है। यह नमी और पसीने से फैलता है। साफ-सफाई, सूखे जूते-मोजे और एंटी-फंगल क्रीम से इसका इलाज संभव है।
टीनिया बार्बी एक फंगल संक्रमण है, जो दाढ़ी और चेहरे के बालों वाले हिस्से को प्रभावित करता है। यह लाल चकत्ते, खुजली और सूजन पैदा कर सकता है। संक्रमित रेजर या त्वचा संपर्क से फैलता है। एंटीफंगल क्रीम और दवाओं से इसका इलाज संभव है।
दाद एक फंगल संक्रमण (फंगस से होने वाली बीमारी) है, जो त्वचा पर लाल, खुजलीदार और गोल धब्बों के रूप में दिखता है। यह मुख्य रूप से गंदगी, पसीने, नमी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। कमजोर इम्यूनिटी, टाइट कपड़े पहनना, अधिक नमी वाली जगहों पर रहना और व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इसे रोकने के लिए साफ-सफाई और सूखे कपड़े पहनना जरूरी है।
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यहाँ दाद के इलाज के लिए घरेलू नुस्ख़े और उससे जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई है। Daad Ka Ilaj की जानकारी इस प्रकार है –
नारियल का तेल दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक दवा है। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। रोज़ाना प्रभावित जगह पर हल्का गुनगुना नारियल तेल लगाने से जलन और खुजली में आराम मिलता है। यह त्वचा को नमी देकर उसे स्वस्थ बनाता है।
लहसुन में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। लहसुन की एक कली को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से संक्रमण कम होता है और जलन से राहत मिलती है। बेहतर परिणाम के लिए लहसुन को नारियल तेल में मिलाकर लगाएं।
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल औषधि है, जो दाद, खाज और खुजली के उपचार में मदद करती है। यह त्वचा संबंधी समस्याओं में बेहद फायदेमंद होती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन संक्रमण को कम करने और त्वचा को ठीक करने में सहायक होता है। हल्दी पाउडर को नारियल तेल या एलोवेरा जेल में मिलाकर लगाने से खुजली और जलन से राहत मिलती है।
सेब का सिरका फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपायों में एक पुराना और असरदार तरीका है। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दाद, खाज और खुजली को कम करने में मदद करते हैं। प्रभावित स्थान पर सेब के सिरके को पानी में मिलाकर लगाने से खुजली और जलन में राहत मिलती है। इसे रोजाना 2-3 बार प्रयोग करें।
टी ट्री ऑयल एक प्राकृतिक एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल तेल है, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं में असरदार होता है। प्रभावित जगह पर रुई से टी ट्री ऑयल लगाने से जलन कम होती है और त्वचा तेजी से ठीक होती है। इसे नारियल तेल में मिलाकर लगाने से साइड इफेक्ट की संभावना भी कम हो जाती है।
एलोवेरा एक प्राकृतिक औषधि है जो दाद, खाज और खुजली में राहत देता है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। रोजाना एलोवेरा का उपयोग करने से त्वचा को ठंडक और नमी मिलती है, जिससे संक्रमण जल्दी ठीक होता है। प्राकृतिक उपचार के रूप में यह सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है।
सरसों के बीज में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं में राहत दिलाते हैं। सरसों के बीज को पीसकर नारियल तेल या एलोवेरा जेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से खुजली कम होती है और त्वचा ठीक होती है।
लेमन ग्रास एक प्राकृतिक औषधि है जो दाद, खाज और खुजली में राहत देती है। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। लेमन ग्रास का तेल या इसकी चाय प्रभावित जगह पर लगाने से खुजली कम होती है और त्वचा स्वस्थ बनती है।
दाद, खाज और खुजली से राहत पाने के लिए करेले का रस और गुलाबजल एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। करेले में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। करेले के रस में गुलाबजल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से जलन कम होती है और त्वचा जल्दी ठीक होती है।
दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं से राहत पाने के लिए जोजोबा तेल और लेवेंडर तेल बेहद फायदेमंद हैं। जोजोबा तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं, जबकि लेवेंडर तेल सूजन को कम करता है और खुजली से राहत देता है।
राई के बीज एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं, जो दाद, खाज और खुजली जैसी त्वचा समस्याओं में कारगर माने जाते हैं। इन बीजों को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से राहत मिलती है। राई में मौजूद सल्फर तत्व संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
इमली के बीज त्वचा रोगों के लिए प्राकृतिक औषधि हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दाद, खाज और खुजली को कम करने में मदद करते हैं। इमली के बीजों को पीसकर पानी के साथ लेप लगाने से खुजली में आराम मिलता है। इसके अलावा, इमली के बीज पाचन तंत्र को भी मजबूत करते हैं।
जैतून का तेल एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो दाद जैसी फंगल समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। प्रभावित स्थान पर जैतून के तेल की कुछ बूंदें हल्के हाथों से लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। इसे दिन में दो बार लगाने से खुजली और जलन में राहत मिलती है।
सिरका की एंटीफंगल गुण और नमक का जीवाणुरोधी असर मिलकर संक्रमण को कम करने में मदद करता है। एक चम्मच सिरका में थोड़ा सा नमक मिलाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं। रोजाना दो बार इस्तेमाल से दाद में राहत मिल सकती है।
दाद के घरेलू इलाज में नीम काफी असरदार माना जाता है। नीम में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दाद जैसी त्वचा समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। एक मुट्ठी नीम की पत्तियों को पानी में उबालें और ठंडा होने पर इस पानी से प्रभावित जगह को धोएं। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से खुजली और जलन में राहत मिलती है। नीम का यह प्राकृतिक उपाय त्वचा को साफ़ और संक्रमण मुक्त रखने में सहायक होता है।
दालचीनी के पत्तों में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो दाद को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके लिए दालचीनी के पत्तों को पानी में उबालें और ठंडा होने पर प्रभावित जगह पर लगाएं। दिन में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से राहत मिलती है।
देसी घी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो दाद को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद कर सकते हैं। प्रभावित जगह पर हल्का गर्म देसी घी लगाएं और कुछ घंटों तक छोड़ दें। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और संक्रमण को धीरे-धीरे कम करता है।
खीरा त्वचा के लिए फायदेमंद होता है और दाद जैसी समस्याओं में राहत दिला सकता है। खीरे में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो दाद के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए खीरे के पतले टुकड़े काटकर प्रभावित जगह पर 10-15 मिनट तक रखें। इससे जलन और खुजली में राहत मिलेगी।
स्वस्थ जीवन के लिए समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। यदि आपको लगातार दाद और खुजली के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो समय रहते आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बताना चाहेंगे कि स्वस्थ शरीर के लिए नियमित चेकअप बेहद महत्वपूर्ण होता है, खासकर यदि आपको मधुमेह, उच्च रक्तचाप या कोई पुरानी बीमारी हो। याद रखें कि दाद-खुजली जैसी छोटी समस्याओं को नज़रअंदाज करना बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।
दाद एक आम त्वचा रोग है, जो फंगल संक्रमण के कारण होता है, जिससे बचने के लिए साफ-सफाई रखना, तौलिया व कपड़े साझा न करना और संक्रमित त्वचा को सूखा रखना जरूरी है। सही समय पर एंटीफंगल दवाओं से इलाज कराने पर यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। आशा है कि इस लेख में आपको दाद की दवा की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी, इसी प्रकार के अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहे।
पुराने दाद को जड़ से खत्म करने के लिए एंटीफंगल क्रीम, नीम तेल, साफ-सफाई और सही खानपान अपनाएं।
दाद से राहत के लिए नीम का पेस्ट, लहसुन का रस लगाएं, एंटीफंगल क्रीम का प्रयोग करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
अगर दाद ठीक नहीं हो रहा है, तो साफ-सफाई रखें, एंटीफंगल क्रीम लगाएं, ढीले कपड़े पहनें और डॉक्टर से सलाह लें।
बार-बार दाद होने का कारण कमजोर इम्यूनिटी, पसीना, गंदगी, संक्रमित कपड़े व तौलिया उपयोग करना और फंगल संक्रमण हो सकता है।
प्राइवेट पार्ट में दाद से बचाव के लिए साफ-सफाई रखें, सूती कपड़े पहनें और डॉक्टर की सलाह से एंटीफंगल क्रीम लगाएं।
दाद के दौरान मीठा, तला-भुना, डेयरी उत्पाद, मसालेदार भोजन और शराब से बचें, क्योंकि ये संक्रमण को बढ़ा सकते हैं।
दाद के इलाज के लिए एंटी-फंगल साबुन जैसे केटोकोनाज़ोल या क्लोट्रिमाज़ोल युक्त साबुन का उपयोग करें, यह संक्रमण कम करता है।
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